Saturday, November 23, 2024

हरिचंद मिड्ढा के बेटे कृष्ण मिड्ढा के नाम पर भाजपा ने लगाई मोहर

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जींद उपचुनाव में बीजेपी ने हरिचंद मिड्ढा के बेटे कृष्ण मिड्ढा को प्रत्याशी घोषित किया है। उनके नाम की चर्चाएं उनके इनेलो से बीजेपी में शामिल होने के साथ ही शुरू हो गई थी। हालांकि पिछले दिनों उनके नाम की चर्चाएं कम हो रही थी और दूसरे नामों को लेकर राजनीतिक गलियारों में अलग-अलग कयास लगाए जा रहे थे। क्योंकि अमित शाह के पास 13 लोगों की लिस्ट लेकर बराला पहुंचे थे। अब पिछले दिनो हुए ड्रामे से पर्दा उठ गया है कि भाजपा अपने समर्थको को खोना नही चाहती थी और इमोशनल गेम खेलने के लिये मिढा से बेहतर कार्ड कोई हो नही सकता।
सुरेंद्र बरवाला और रमेश कौशिक के नाम पर खूब चर्चाए थी। मास्टर गोगल आदि के नाम भी चले हुए थे।

क्या मुख्यमंत्री का जींद उपचुनाव में पंजाबी उम्मीदवार का मैदान में उतारना सही फैसला हो सकता है? कांग्रेस की तरफ से मांगेराम गुप्ता का नाम फाइनल बताया जा रहा है। जेजेपी और इनेलो की तरफ से अभी नाम साफ नहीं हुए हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि बीजेपी पर यह दांव उलटा पड़ सकता है और बीजेपी की जीत अब संदेह के घेरों में घिरती चली जाएगी।
डॉ. हरिचंद मिड्ढा पहली बार 2009 में इनेलो के टिकट पर विधायक बने थे। इसके बाद 2014 में मोदी लहर में भी भाजपा प्रत्याशी पूर्व सांसद व मंत्री रहे सुरेंद्र बरवाला को कड़े मुकाबले में हराकर विधानसभा में पहुंचे। पार्टी के मजबूत संगठन के अलावा उनका बेहद विनम्र व्यवहार भी उनकी जीत का मुख्य कारण रहा। पिछले 40 सालों से वो जनता की सेवा में लगे हुए थे। हरिचंद मिड्ढा हरियाणा के एकमात्र ऐसे विधायक थे जो विधायक होने के साथ साथ डॉक्टरी के पेशे के जरिये लोगों का इलाज  भी खुद ही करते थे। डॉक्टर हरिचंद मिड्ढा भारतीय सेना से सेवानिवृत थे और शहर में समाजसेवा से जुड़े कामों में अग्रणी रहते थे। वहीं साल 2009 और साल 2014 के विधानसभा चुनावों में इनेलो की तरफ से विधायक बने थे।
उनके निधन पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहा था कि डॉ. हरिचंद मिड्ढा आम लोगों के हमदर्द थे। उनकी कमी विधानसभा में भी महसूस होगी। वह राजनीतिक कम, सामाजिक व्यक्ति ज्यादा थे। अपनी चिकित्सा से सेवा के कारण लोगों के मन में बसे हुए थे।मैं हरियाणा सरकार की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं और प्रार्थना करता हूं कि भगवान उन्हें अपने चरणों में जगह दे और परिवार को इस असहनीय दुख को सहने की ताकत दे।

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Taruni Gandhi
Taruni Gandhi
Am a journalist, nature lover and a writer from Chandigarh. Health, crime, social issues and unspoken stories interest me and agonise me too. This is why I try to help everyone around to the best of my abilities. Am a constant learner and want to keep on with my studies till the end. :)

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