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पूर्व सीएम हुड्डा और वोरा को मिली बड़ी राहत, सीबीआई कोर्ट ने दी जमानत

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नेशनल हेराल्ड के स्वामित्व वाली एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को प्लॉट दोबारा आवंटित करने के मामले में सीबीआई कोर्ट ने पूर्व सीएम हुड्डा और वोरा को बड़ी राहत दे दी है। सीबीआई की अदालत ने पंचकुला में गैरकानूनी तरीके से भूखंड का पुन:आवंटन एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को करने के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और कांग्रेस के नेता मोतीलाल वोरा जमानत दे दी है।
दोनों आरोपियों को 5 – 5 लाख रुपये के बेल बांड पर जमानत दी गई। साथ ही दोनों को चार्जशीट की कॉपी भी सौंपी गई। मामले की अगली सुनवाई अब 6 फरवरी को होगी। इस सुनवाई पर आरोपों पर बहस की जाएगी। जिसके बाद आरोप तय किए जाएंगे।
मामले में पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व मोती लाल वोहरा पेश हुए। पिछली सुनवाई में हुड्डा और वोहरा दोनों को पेश होने के लिए समन भेजे गए थे। दोनों के खिलाफ मामले में एक दिसंबर को चार्जशीट दाखिल की गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तत्कालीन समय में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन थे। वहीं आरोपी मोती लाल वोहरा AJL हाउस के चेयरमैन थे।
ये है मामला
मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने सीएम रहते हुए नेशनल हेराल्ड की की कंपनी एजेएल को 2005 में 1982 की दरों पर प्लॉट अलॉट करवाया था। 24 अगस्त 1982 को पंचकूला सेक्टर-6 स्थित 3360 वर्गमीटर का प्लॉट नंबर सी-17 तत्कालीन सीएम चौधरी भजनलाल ने अलॉट कराया। कंपनी को इस पर 6 माह में निर्माण शुरू कर दो साल में काम पूरा करने का समय मिला था।
लेकिन, कंपनी 10 साल में भी निर्माण कार्य पूरा नहीं करा पाई थी। 30 अक्तूबर 1992 को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) ने अलॉटमेंट रद्द करके प्लॉट रिज्यूम कर लिया। 26 जुलाई 1995 को हुडा के मुख्य प्रशासक भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एस्टेट ऑफिसर के आदेश के खिलाफ कंपनी की अपील खारिज कर दी। 14 मार्च 1998 को कंपनी की ओर से आबिद हुसैन ने चेयरमैन हुडा को प्लाट की अलाटमेंट बहाली के लिए अपील की।
14 मई 2005 को चेयरमैन हुडा ने अफसरों को एजेएल कंपनी के प्लाट अलॉटमेंट की बहाली की संभावनाएं तलाशने को कहा। लेकिन, कानून विभाग ने अलॉटमेंट बहाली के लिए साफ तौर पर इनकार कर दिया। 18 अगस्त 1995 को फ्रेश अलॉटमेंट के लिए आवेदन मांगे गए। इसमें एजेएल कंपनी को भी आवेदन करने की छूट दी गई। 28 अगस्त 2005 को हुड्डा ने एजेएल को ही 1982 की मूल दर पर प्लाट अलॉट करने की फाइल पर साइन कर दिए।
एक साल में काम पूरा करने के दिए थे निर्देश
साथ ही कंपनी को छह माह में निर्माण शुरू कर एक साल में काम पूरा करने को भी कहा गया। पूर्व सीएम हुडा ने भी पुराने रेट पर प्लॉट अलॉट करने के आदेश दिए। एजेएल के अखबार नेशनल हेराल्ड पर पंचकूला में नियमों के खिलाफ जमीन आवंटन का आरोप है। इस मामले में हुडा की शिकायत पर सीबीआई ने मई 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर केस दर्ज किया था।
क्योंकि मुख्यमंत्री हुडा के पदेन अध्यक्ष होते हैं। यह गड़बड़ी हुड्डा के कार्यकाल में हुई, इसलिए उनके खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया था। हुडा को करीब 62 लाख रुपये का नुकसान पहुंचाए जाने का आरोप है। 15 नवंबर 2018 को हरियाणा के गवर्नर सत्यदेव नारायण आर्य ने एजेएल को प्लाट आवंटन मामले में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए इजाजत दी थी।
सीबीआई ने धारा 120-बी, 420, 13 (1) रीड विद, 13 (2) तहत भूपेंद्र सिंह हुड्डा व मोती लाल वोरा के सीबीआई कोर्ट में शनिवार को चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई द्वारा जब केस दर्ज किया गया था तो अन्य धाराओं के साथ 409 भी लगाई थी, लेकिन दाखिल की गई चार्जशीट में 409 धारा नहीं लगाई गई है।

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