हरियाणा में हुए नगर निगम चुनाव के नतीजे आ गए हैं। हरियाणा में पांच नगर निगमों और समितियों के लिए रविवार को मतदान हुआ। बुधवार को मतों की गिनती हुई। 70 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। जिन पांच नगर निगमों के लिए मतदान हुए वह हिसार, करनाल, पानीपत, रोहतक और यमुनानगर हैं, जबकि दो नगरपालिकाओं में फतेहाबाद में जाखल मंडी और कैथल में पुंडरी शामिल हैं।
अगले साल होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए यह एक तरह से परीक्षा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इन चुनावों में पार्टी उम्मीदवारों के लिए काफी प्रचार किया। विपक्षी इनेलो-बसपा ने भी इस चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारे। कांग्रेस ने चुनाव में पार्टी चिह्न का इस्तेमाल नहीं करने का निर्णय किया। उसने चुनाव मैदान में उतरे कुछ निर्दलीयों का समर्थन किया।
ऐसा पहली बार हुआ कि जब बड़े कद्दावर नेता इन चुनावों के दौरान जमीन पर उतर कर वोटरों से गुहार लगाते नजर आएं इतना कि खुद सीएम खट्टर ने अपने सभी प्रत्याशियों के लिए रैलियां की।
साथ में कुछ नवजन्मी पार्टियां ऐसी भी थीं जो परिवार से अनुशासनहीनता के कारण अलग हुईं और इन चुनावों में चिन्ह न होने की वजह से उतरी ही नहीं, यहां हम जेजेपी की बात कर रहे हैं। हालांकि आईएनएलडी और बसपा ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे। हार और जीत यह एक अलग मुद्दा है। यहां बात मादे की हो रही है कि किस पार्टी में सिद्धांतों को लेकर कितनी संवेदनशीलता है।
बहरहाल पांचों निकाय चुनावों में बीजेपी जीत गई और सीएम खट्टर को सुख की सांस मिली, क्योंकि इससे उन्हें कुछ हद तक 2019 का अंदाजा लग गया है। लेकिन ये डेमोक्रेसी है यहां रातोंरात कुछ भी बदल सकता है।
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