चंडीगढ़, दिसंबर 20: वो कहते है ना पहले खुद का घर देखना चाहिए फिर कहीं किसी से मुकाबले की बात करनी चाहिए, यही समझदारी की निशानी है।
हाल ही में इनैलो की आंतरिक मीटिंग में शामिल होने का मौका मिला। हरियाणा के पांच शहरों में हुए हाल ही के निकाय चुनावों की चर्चा चल रही थी। इसी दौरान किसके कितने स्कोर देखने की जगह अभय चौटाला सिर्फ और सिर्फ अपने वोट बढ़त का आंकलन करते दिखे। इस पीढ़ी के कार्यकर्ता ये रवैया देख हैरान परेशान से दिख रहे थे। एक युवा कार्यकर्ता से रहा न गया तो अभय चौटाला से पूछ बैठा कि आखिर वो किसी अन्य पार्टी के साथ अपनी तुलना क्यों नहीं कर रहे हैं।
बड़ी ही खूबसूरती से अभय चौटाला ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि चुनाव में सिर्फ हार जीत नहीं देखी जाती, रूझान देखा जाता है, झुकाव देखा जाता है। दूसरों के आंकलन करने में कभी कोई फायदा नहीं होता बल्कि इससे नकारात्मक सोच बढ़ती है। मुद्दा है कि हमारे लिए लोगों के भीतर कितना विश्वास बढ़ा। मुकाबला हमेशा अपने आप से होता है, खुद को बेहतर करना ही असल मुकाबला होता है। ये बात सुनकर कार्यकर्ता का विपाशा शांत हुई, और हमें भी कुछ सीखने को मिला कि कैसे राजनीति में बिना किसी ईर्ष्या के रहा जाता है।
आंकड़ों पर नजर गई तो अभय चौटाला की बात सही नजर आई वाकेयी आईएनएलडी के प्रति पिछले सालों के मुकाबले में लोगों का रूझान 80 गुना से अधिक बढ़ा है। जो कि एक तरह से 2019 में होने वाले चुनावों के लिए एक अच्छा संकेत है। अकेले करनाल की ही बात कर लें तो 2014 में निकाय चुनावों में 17685 वोट पडे थे जबकि अबकी 2018 में 60612 वोट पड़े हैं।
रोहतक में 2014 के दौरान 3945 से इस बार 32775 वोट आईएनएलडी के खाते में आए हैं।
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