Home INDIA और भी ग़म हैं ज़माने में उपचुनाव के सिवा….

और भी ग़म हैं ज़माने में उपचुनाव के सिवा….

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आजकल शॉर्टकट का ज़माना है. इंडियन आइडल देख कर आपको भी लगता है की रातों रात आपकी गायकी किसी रिकॉर्ड कंपनी को भा जाएगी. अगर आप एक बार रैंप पर चल लेते हो तो लगता है कि अब लोग ऐश्वर्या को भूल कर आपको याद रखेंगे. अगर आप एक बार बल्ला घुमाते हैं तो लगता है कि सचिन की अब शामत आ गयी है. आज कल हमें शौहरत, पैसा, ताकत चाहिए जल्दी जल्दी, क्यूंकि हम ‘2 min’ noodles वाले टाइम में रह रहे हैं.

सबसे जल्दी में तो हमारे नेता जी हैं. पहले 5 सालों तलवार सर पर टंगी रहती थी. तो पहले साढ़े चार साल नेताजी ऐशो-आराम में निकाल देते थे. आखिरले 6 महीनों में हाथ में फेविकॉल मल के, नमस्ते-नमस्ते कहते, ज़बरदस्ती गरीबों के घर घुस कर उनके साथ खाना खा कर बिता देते थे. आखिर के एक महीने विकास, भ्रष्टाचार को दूर, किसानो के लोन माफ़ करने की मोटी-मोटी बातें करके अगले 5 सालों के लिए गद्दी सँभालने को त्यार होते थे.

चक्कर पड़ गया बएलेक्शन का. जब किसी विधायक या सांसद की सीट खाली पड़ जाये तो बएलेक्शन करके मानो नेताजी एक टाइम बम पे बैठे हैं. अब हरियाणा में जींद का किस्सा ही लीजिये. जो विधायक साहिब गुज़रे, वह इनलो में थे. उनके बेटे को भाजपा ने मोह लिया है. अभय चौटाला इनेलो की गरिमा लौटाने के चक्कर में है, तो भतीजा दुष्यंत चौटाला अपनी दावेदारी शॉर्टकट से ढून्ढ रहे हैं. कांग्रेस वाले अभी आपसी मतभेद को ख़त्म करके एक विधायक को जींद से लड़वा रहे हैं.

मतलब हर तरफ गहमा-गहमी है. हर एक पार्टी को लगता है कि अगर जींद जीत लिया तो सारा हरियाणा जीत लिया. मान लीजिये आप जींद पर जीत भी जाते हैं तो महज़ 4-5 महीनों में आप फ़िर विधान सभा चुनाव के लिए उतने ही पैसे और जन-बल लगाएंगे. नेताओं के लिए 4-5 महीने भी सत्ता में बने रहना कितना ज़रूरी है. यही इनके विटामिन्स है.

जनाब आप सब अभी T20 के मैच खेल रहे हो. बात तो तब बनेगी जब आप टेस्ट मैच में भी शतक मारोगे. वही आपका असली टेस्ट होगा. और उस से भी बड़ा कि आप अपने किये वादों पर कितना ख़रा उतरते हो. वह दूसरी बात है कि आप एक बारी मैच जीत गए तो फ़िर जनता के रिपोर्ट कार्ड को पैरों तले मसल कर आप अगले 5 सालों के लिए “Mr India’ बन जाते हो…..

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